मंगलवार, 1 अक्तूबर 2013

--: सपने भारत के :--


हिन्दुस्थानी जनता का साकार होगा सपना ,
विकसित समृध्द जब भारत होगा अपना ।
गौरवशाली अतीत देश का है अपना ,
भरत-भारती से भारत बना अपना ।
खत्म होगा विकसित राष्ट्र का सपना ,
अमेरिका भाँति जब राष्ट्र होगा अपना ।
शिक्षा में अग्रणी देश होगा अपना ,
सपनों का भारत साकार होगा अपना ॥ 1.

कश्मीर है भारत का राज्य अपना ,
लहरायेंगें तिरंगा कश्मीर में अपना ।
बजेगा डंका फिर विश्व में अपना ,
एक दिन विश्वगुरु देश होगा अपना ।
रामराज्य का साकार होगा सपना ,
सुराज शासन जब दिल्ली होगा अपना ।
विज्ञान में प्रथम देश होगा अपना ,
सपनों का भारत साकार होगा अपना ॥ 2.

देश के धन पर अधिकार होगा अपना ,
विदेश से कालाधन वापस होगा अपना ।
दिल्ली में भ्रष्ट शासन ना होगा अपना ,
भ्रष्टाचार मुक्त जब देश होगा अपना ।
हर गाँव-शहर जब कुशल होगा अपना ,
हर भारतीय का तब पुरा होगा सपना ।
शक्ति से महाशक्ति मुल्क होगा अपना ,
सपनों का भारत साकार होगा अपना ॥ 3.

सुखी व छोटा जब परिवार होगा अपना ,
मधुर पवित्र तब रिश्ता होगा अपना ।
हर भारतीय का एक ही सपना ,
अयोध्या में होगा राम मन्दिर अपना ।
हम भारतीय, भारत देश है अपना ,
भेदभाव रहित हिन्दुस्थान है अपना ।
विश्व में सिरमोर मुल्क होगा अपना ,
सपनों का भारत साकार होगा अपना ॥ 4.

लूटा है कांग्रेस ने देश को अपना ,
उसका था घोटाला एक ही सपना ।
अटल जी जैसा पी. एम. होगा अपना ,
मोदी भारत का पी. एम. होगा अपना ।
लहरायेंगे परचम जब विश्व में अपना ,
गूंजेगा वन्दे मातरम तब विश्व में अपना ।
"नरेश पटेल" की कविता का सपना  ,
सपनों का भारत साकार होगा अपना ॥ 5.

                                                                   लेखक

कवि नरेश पटेल

 कवि नरेश पटेल/ श्री जीवाराम जी (काग)
पता : V/P कागों की ढ़ाणी , ग्रां .पं . : पाँयला कल्लां ,तहसिल : सिणधरी , जिला : बाङमेर ( राजस्थान )
 फोन न. : 09660625280
ई-मेल : nareshanjup@gmail.com
वेब साईट :  www.kavinaresh.hpage.in

नादान (कविता)

~~~  नादान  ~~~

मैं हूँ बालक नादान,
नाम है मेरा प्रज्ञान।

परिवार है मेरा पायदान,
रहना नहीं है मुझे अज्ञान ।
पढ़कर बनना है सुजान,
कोई न केवे यह है अज्ञान ।
परिवार होता पिता प्रधान,
बनना है मुझे संस्था प्रधान॥
मैं हूँ बालक नादान........1

करता सभी का मान-सम्मान,
समाज करेगा मेरा बहुमान ।
दुंगा वतन के लिये जान,
माँ देगी तिरंगा कफन ।
करलो मरी यह पहचान,
हूँ भारत माता का जवान ॥
मैं हूँ बालक नादान.........2

हर समय रहता है ईश्वर में मन,
वो ही देंगें जीने का वरदान।
दुंगा नित्य भुखों को भोजन,
खुब देंगें ईश्वर मुझे अन्न ।
दुंगा खुलकर समाज को दान,
भगवान ही देंगे खुलकर वरदान ॥
मैं हूँ बालक नादान.........3

नरेश पटेल की यही पहचान,
कविता लिखता देश पर कुर्बान ।
लेता हूँ उपहार यह ज्ञान,
नरेश ने ही लिखी है कविता 'नादान' ।
करता हूँ पाठकों का मान-सम्मान,
मेरी कविता को पढ़ी लगाकर ध्यान ।
पूरी करता हूँ कविता 'नादान' ।
हे भगवान और लिखने का देना मुझे वरदान ॥
मैं हूँ बालक नादान...........4

                                                                               लेखक
कवि नरेश पटेल

 कवि नरेश पटेल/ श्री जीवाराम जी (काग)
पता : V/P कागों की ढ़ाणी , ग्रां .पं . : पाँयला कल्लां ,तहसिल : सिणधरी , जिला : बाङमेर ( राजस्थान )
 फोन न. : 09660625280
ई-मेल : nareshanjup@gmail.com
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